दाँतों में दर्द

दाँतों में दर्द होना , दाँतों की सामान्य समस्या है। इसमें कभी तो दांत में कीड़ा लग जाने अथवा मसूड़ों में सूजन की वजह से हो सकता है।

अकसर दाँतों में दर्द गंदगी इकट्ठा होने से सड़न होने लगती है , सड़न ही अम्ल पैदा करने वाले बैक्टीरिया में बदल जाते हैं, जिससे दाँतों की जड़ें प्रभावित होने से दांत में दर्द होने लगता है। कभी दांत टूटने अथवा नए दांत आने से भी दांत में दर्द हो सकता है।

कभी-कभी ज़्यादा ठंडी या ज़्यादा गरम चीज़ें खाने के कारण दांत संवेदनशील हो जाते है और दर्द होने लगता है। संक्रमण के कारण लोगों के दांत और मसूड़ों से खून आने लगता है। अगर दर्द तेज़ होने लगे और मसूड़ों में सूजन आने लगे तो तुरंत उसका इलाज डॉक्टर से कराना चाहिए।

मुख्य कारण

  • अधिक अम्लीय चीज़ों का सेवन करना भी दांत दर्द का कारण हो सकता है।
  • मसूड़ों और दाँतों के आस पास फोड़ा होने से संक्रमण हो सकता है।
  • जब अक्ल दाढ़ निकलती है उस समय मसूड़ों में दबाव बढ़ जाता है, उससे भी दर्द हो जाता है।
  • दांत पीसने अथवा चबाने की आदत से भी दाँतों में फ्रेक्चर हो सकता है , उससे भी दर्द हो सकता है।
  • दाँतों में दरार आने या टूटने के कई कारण हो सकते है जैसे – गिरने से , कोई फेंकी गई चीज़ लगने से।
  • खेल कूद के दौरान या किसी कठोर चीज़ को दाँतों से काटने की कोशिश करने से। फ्रेक्चर हुए दांत में दर्द हो रहा है इसका मतलब दांत का फ्रैक्चर नीचे नसों तक हो गया है, इसी कारण दर्द हो रहा है।

दाँतों में दर्द न हो इसके लिए कुछ ध्यान में रखने वाली बाते।

• दाँतों की नियमित सफाई करना।
• खेल कूद या अन्य गतिविधियों के दौरान यदि डेंटल गॉर्ड पहन ले तो दाँतों में होने वाली चोट या घाव से बचा जा सकता है।
• खाना खाने के बाद भोजन के कुछ कण दाँतों में फंसे रह जाते है, इसके लिए खाने के बाद ब्रश करें या अच्छे से कुल्ला करें , तो भी यदि कुछ कण रह जाए तो डेंटल फ्लॉस (दांत साफ़ करने का धागा ) की मदद से निकाल सकते है।

• स्वस्थ आहार ले

•चीनी और स्टार्च के पदार्थ यदि आपके दाँतों में चिपका रह जाए तो इनसे बैक्टीरिया पनपते है , इसलिए इन चीज़ों का इस्तेमाल सावधानी से करें और नियमित रूप से नरम ब्रश द्वारा ब्रश करें।
• धूम्रपान ना करें , यह बहुत ही हानिकारक होता है। इससे दाँतों में पीलापन तथा मसूड़ों में तकलीफ हो सकती है। और दांत कमज़ोर होते है।

घरेलू उपाय

  • गुनगुने पानी में थोड़ा नमक डाल कर कुल्ला करने से आपको होने वाले इन्फेक्शन से बचा जा सकता है, दाँतों के बीच फ़सा भोजन भी निकलता है और मसूड़ों के बैक्टीरिया भी ख़त्म होते है।
  • लौंग को थोड़ा कूट कर दर्द वाले स्थान पर रखकर मुंह में दबाने से अथवा लौंग के तेल को रुई में लगा कर दाँतों में दबा कर रखने से राहत मिलती है।
  • अदरक के टुकड़े में थोड़ा नमक लगा कर उसे दाँतों के बीच रख सकते है, उससे भी राहत मिलती है। अदरक में एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती है।
  • लहसुन का एक छोटा टुकड़ा ले कर दाँतों के बीच रखने से भी राहत मिलती है।
  • गर्म उबले पानी में टी बैग रख कर फिर उसे निकलकर दर्द वाले भाग की सिंकाई करने से , दाँतों के दर्द में आराम मिलता है।
  • कुछ बूंदें सरसों के तेल में चुटकी भर नमक मिलकर दाँतों व् मसूड़ों की मसाज करें , इससे दांत दर्द में तो आराम मिलता ही है साथ ही मसूड़े भी मजबूत होते है।

गंभीर लक्षण

  • मुँह खोलने में भी यदि दर्द महसूस हो तो।
  • घरेलु उपचार करने के दो दिन बाद भी दर्द बना रहे तो।
  • असहनीय दर्द हो तो।
  • दर्द के कारण बुखार हो अथवा कानो तक दर्द होने लगे तो।
  • उक्त लक्षणों के होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए।

परहेज़

  • डिस्प्रिन, ब्रुफिन या दर्द की कोई भी दवा सीधे दाँतों या फिर मसूड़ों पर न रखें , ये दवाई रखे हुए स्थान को जला सकती है।
  • गरमागरम चीज़ें का खाएं।
  • कुछ समय के लिए मीठा खाना बंद कर दें क्यूंकि मिठाई वगैरह बैक्टीरिया बढ़ाने का काम करती है।
  • खुद किसी प्रकार का पैन किलर दवाई न लें, डॉक्टर की सलाह पर ही लें।

नोट :

अधिक दर्द होने पर कुछ भी खाने में दिक्कत होती है और दर्द भी बढ़ता है अतः

  • कोई भी सूप लें सकते है।
  • दाल, दलिया, खिचड़ी लें सकते हैं।
  • उबला आलू या सिका हुआ आलू लें सकते है या फिर आलू को दही के साथ मिलाकर भी खा सकते है।
  • पनीर भी खा सकते हैं।
  • ब्रेड भी लें सकते हैं, चाय अथवा दूध के साथ या फिर सैंडविच अंडा, पनीर ,पीनट बटर के साथ लें सकते हैं।
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