21वें सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान, मां और बच्चा एक दूसरे को अच्छी तरह से पहचानने लगते हैं। इस हफ्ते आप अपनी गर्भावस्था की दूसरी तिमाही को भी आधा पार कर चुकी होती हैं। इसलिए इस हफ्ते से खान पान के साथ साथ व्यायाम पर भी अधिक ध्यान देना महत्वपूर्ण हो जाता है।
मां के शरीर के अंदर और बाहर कई सारे बदलाव हो रहे होते हैं, लेकिन अधिकांश अंदरूनी परिवर्तनों की जानकारी नहीं हो पाती है। इस लेख में, ऐसे ही कुछ मां और बच्चे में होने वाले परिवर्तनों और खान पान की आदतों में करने वाले ज़रूरी बदलावों के बारे में जानकारी दी गयी है।
21वें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव – Changes in body during 21st week of pregnancy in Hindi
इक्कीसवें हफ्ते की गर्भावस्था में शिशु का विकास – Baby development in 21st week of pregnancy in Hindi
इक्कीसवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड – Ultrasound in 21st week of pregnancy in Hindi
21वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स – Pregnancy tips during 21st week in Hindi
प्रेगनेंसी के इक्कीसवें हफ्ते में डाइट प्लान – Diet plan in 21 week pregnancy in Hindi
21वें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव – Changes in body during 21st week of pregnancy in Hindi
21वें हफ्ते तक, आपका वज़न लगभग 6.8 किग्रा बढ़ जाता है और अब से हर हफ्ते करीब आधा ग्राम वज़न बढ़ना शुरु हो जायेगा।
चूंकि आपका गर्भाशय, आधा इंच पेट के ऊपर की ओर बढ़ता है इसलिए आपका पेट बाहर की ओर आ जाता है और अब तो कोई अजनबी भी बता सकता है कि आप गर्भवती हैं। आपके पैरों में ऐंठन और दर्द होना शुरू हो सकता है।
दर्द को दूर करने के लिए, प्रेगनेंसी तकिया का उपयोग करके अपने पैरों को ऊपर उठाने का प्रयास करें साथ ही अब से इस तकिया का नियमित रूप से उपयोग भी करें।
यह आपकी एड़ी, जांघों और पैरों में सूजन आने पर भी फायदेमंद होती है। जैसे जैसे आपका वजन बढ़ेगा, आपके चलने का तरीका अपने आप बदल जायेगा।
कभी कभी आप बेहोश भी हो सकती हैं, इसलिए ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें और हाई हील्स (High heels) के बजाय सपाट जूतों का प्रयोग करें।
अब से आपकी भूख भी बढ़ने लगेगी। हालांकि कुछ लोग आपको 300 कैलोरी से ज्यादा कैलोरी का सेवन करने के लिए मना भी कर सकते हैं लेकिन इस स्तर पर आने के बाद प्रति दिन 500 कैलोरी तक का सेवन करना ठीक है।
स्वस्थ रहने के लिए समय समय पर अपने डॉक्टर से खान पान सम्बन्धी सलाह लेती रहें।
इक्कीसवें हफ्ते की गर्भावस्था में शिशु का विकास – Baby development in 21st week of pregnancy in Hindi
इस सप्ताह तक आपका बच्चा लगभग प्लेसेंटा के बराबर बड़ा हो जाता है। उसमें रक्त परिसंचरण की प्रक्रिया पूरी तरह से होने लगती है। साथ ही गर्भनाल (Umbilical cord) भी लम्बही में बड़ी और मोती होने लगती है।
पाचन तंत्र अभी भी परिपक्व हो रहा होता है क्योंकि आंतें फैलती और सिकुड़ती रहती हैं। पाचन तंत्र की क्रिया बच्चे के एम्नियोटिक द्रव (Amniotic fluid) को निगलना सीखने के साथ ही शुरु हो चुकी होती है।
इस चरण पर शिशु की भौहें और पलकें पूरी तरह से विकसित हो चुकी होती हैं और नाखून, हाथ और पैरों की उंगलियों के पोरों (Tips) को कवर कर लेते हैं। बच्चे का वज़न इस हफ्ते तक लगभग 320 ग्राम और लंबाई 8 इंच तक होती है। आपका बच्चा एक बड़े केला के आकार का हो जाता है।
इक्कीसवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड – Ultrasound in 21st week of pregnancy in Hindi
इस हफ्ते के अल्ट्रासाउंड में आप बच्चे की हड्डियों और कंकाल की संरचना के साथ उसके फेफड़ों में होने वाला विकास भी देख सकती हैं। सोनोग्राफर उसकी छाती को देखकर, शिशु के दिल और फेफड़ों के ऊतकों की पहचान कर सकता है।
21वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स – Pregnancy tips during 21st week in Hindi
इस स्तर पर कुछ महिलाओं को सिगरेट, चारकोल, राख या बीयर जैसे अस्वास्थ्यकर भोजन का सेवन करने का मन होता है। प्रेगनेंसी में ये सारी चीज़ें मना होती हैं इसलिए इस प्रकार की इच्छा उत्पन्न होने पर इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
इसके अलावा, जितना संभव हो उतना आराम करें और चिंतामुक्त रहें क्योंकि अगर आप तनाव लेंगी तो आपका बच्चा भी तनावग्रस्त हो सकता है। आपका बच्चा गर्भ में ही काफी सारी चीज़ें सीखता है इसलिए हर चीज़ का प्रभाव उसपर पड़ता है।
प्रेगनेंसी के इक्कीसवें हफ्ते में डाइट प्लान – Diet plan in 21 week pregnancy in Hindi
बच्चे और खुद को स्वस्थ रखने के लिए सभी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसके लिए आपको विभिन्न प्रकार के फलों का सेवन करना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इसके अलावा, विटामिन ए और कोलेस्ट्रॉल प्रेगनेंसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विटामिन ए रात की दृष्टि (Night vision) में सुधार करता है और कोशिकाओं के विकास और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। विटामिन ए के लिए अपने दैनिक आहार में अंडे की जर्दी, मक्खन और दूध लेना शुरु कर दें।
बीटा कैरोटीन के लिए आप गाजर, शकरकंद, पपीते और संतरों का सेवन कर सकती हैं जो विटामिन ए के भी स्रोत हैं।
कोलेस्ट्रॉल स्तर को बनाए रखना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि यह प्लेसेंटा को स्वस्थ रखने में मदद करता है जो समय से पहले डिलीवरी की संभावना कम करता है।
स्वस्थ पेय पदार्थों में आप तरबूज का रस, अंजीर और खुबानी शेक, चुकंदर और गाजर का रस पी सकती हैं। लेकिन कोशिश करें कि आप घर के बने जूस का ही सेवन करें इससे संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी।